कोविशील्ड पर क्यों मचा है बवाल? कोर्ट में कंपनी ने क्या कबूला 

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कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके हाई कोर्ट में कबूल किया है कि कोविशील्ड वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं. ऐसे में जानिए ये पूरा मामला

कोविशील्ड यानी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AZD1222) कोरोना महामारी से बचने के लिए करोड़ों भारतीयों को लगाया गया है. ऐसे में 29 अप्रैल 2014 को ब्रिटिश फार्मा कंपनी एक्स्ट्रा जानेका ने कोर्ट के अंदर पहली बार स्वीकार कर लिया है कि इसके कई गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं. कोरोना महामारी से बचने के लिए जिन लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है वह अब चिंतित है. हालांकि, यह सवाल जायज है कि आखिर कोविशील्ड के क्या साइड इफेक्ट है और ये ह्यूमन बॉडी के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है.

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कोविशील्ड पर कंपनी का कबूलनामा 

कोविड वैक्सीन बनाने वाली ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोविशील्ड बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ सहयोग किया था. वहीं भारत में सीरम इंस्टीट्यूट भी शामिल था. बता दें कि इसकी वैक्सीन पूरी दुनिया भर में कोविशील्ड और वैक्सज़ेवरिया ब्रांड के नाम से दिया गया है.

कंपनी पर आरोप है कि इसके दिए गए वैक्सीन की वजह से लोगों की मौत हो रही है जबकि ब्लड क्लॉटिंग और दूसरी गंभीर साइड इफेक्ट्स का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसे में पिछले दिनों ब्रिटिश कोर्ट में एस्ट्राजेनेका ने कबूल किया है कि उसकी वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स हो रहे हैं. हालांकि कंपनी अभी भी इससे होने वाले खराब प्रभाव को नकार रही है. 

ब्रिटिश कोर्ट में चला मुकदमा

ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन मामले के ऊपर एक रिपोर्ट तैयार किया है. जिसके मुताबिक कंपनी के खिलाफ पहली बार मुकदमा दर्ज कराने वाले व्यक्ति का नाम जेमी स्कॉट है. रिपोर्ट की माने तो साल 2021 के अप्रैल महीने में वह कथित तौर पर एस्ट्रोजेनिका की कोविशील्ड की वजह TTS के शिकार हो गए थे.

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उनका कहना था कि इस वैक्सीन की वजह से उन्हें ब्रेन इंजरी हुई थी. चूकि वैक्सीन के होने वाले साइड इफेक्ट्स की बात अब कंपनी मान चुकी है तो अब पीड़ित परिवार मुआवजे की मांग कर रहा है.

TTS सिंड्रोम क्या है ?

ब्रिटिश हाई कोर्ट में जिमी स्कॉट बताते हैं कि उन्हें थ्रांबोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) कोविशील्ड के वैक्सीन लगने के बाद हुआ है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिकTTS सिंड्रोम की वजह से शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं. उसकी वजह से ह्यूमन बॉडी में बड़ा प्रभाव पड़ता है. इससे कार्डियक अरेस्ट होने की आशंका है और ज्यादा बढ़ जाती है.

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