पीएम मोदी की ये बात सुन नहीं पाएंगे इंडियन पेरेंट्स, गिना दी गलती

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पीएम मोदी ने छात्रों के परीक्षा के दबाव को लेकर अभिभावकों को कई निर्देश दिए हैं. इसके अलावा यह भी बताया गया है कि बच्चों के साथ उनका व्यवहार कितना महत्वपूर्ण है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पे चर्चा, मन की बात जैसे प्रोग्राम कर टीचर्स, स्टूडेंट और पेरेंट्स की परिस्थितियों का उल्लेख करते हैं. ऐसे में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम द्वारा पीएम कई बार सवालों का जवाब भी देते हैं. ऐसे में इस लेख द्वारा आपको बताएंगे कि पीएम मोदी के मुताबिक बच्चों को अपने लाइफस्टाइल से लेकर आगे बढ़ने के लिए क्या टिप्स देते हैं.

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इसके अलावा पेरेंट्स को भी क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए उसका भी उल्लेख है.

पेरेंट्स को भारी पड़ेगी ये गलती!

अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों का मुकाबला दूसरे बच्चे से करते हैं. पेरेंट्स को ये ध्यान देना चाहिए की यही काम कई बार रिश्तेदार और शिक्षक भी कर देते हैं. इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है. बच्चे फिर अपने पेरेंट्स से भी खुलकर बात नहीं कर पाते.

पीएम मोदी के मुताबिक तुलना करने से बच्चे को ठेस पहुँचता है जिससे फिर वो अपना कॉन्फिडेंस लूज कर देता है. इसलिए पेरेंट्स को बच्चो की तुलना नहीं करनी चाहिए.

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बच्चों पर पड़ेगा ये असर

पेरेंट्स जब अपने बच्चों की दूसरे बच्चों से तुलना करने लगते हैं तब बच्चे/छात्र के मन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. वो खुद को सबसे कमतर समझने लगता है. मानसिक तनाव के कारण बच्चे परीक्षा पर ध्यान नहीं दे पाते और उनका प्रदर्शन खराब हो जाता है.

पीएम ने पेरेंट्स को सुझाव दिया है कि छात्रों/बच्चों की परीक्षा की तैयारियों के लिए सबसे पहले छोटे छोटे लक्ष्य निर्धारित करें इस बीच माता पिता उनका उत्साह बढ़ाये. इसके बाद छात्र अपना प्रदर्शन ठीक कर पाएंगे.

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