बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता हाई कोर्ट के ओबीसी आरक्षण वाला फैसला मानने से मना कर दिया है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने गंभीर आरोप लगाए हैं
पश्चिम बंगाल: कोलकाता हाई कोर्ट ने बंगाल की ममता सरकार द्वारा जारी 2010 के बाद जारी पांच लाख से अधिक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) सर्टिफिकेट को साफ तौर पर रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ की खंडपीठ ने कहा कि, ये राजनीतिक उद्देश्य के लिए मुस्लिमों के कुछ वर्गों को ओबीसी आरक्षण दिया गया जो लोकतंत्र और पूरे समुदाय का अपमान है.
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ऐसे में फैसले के बाद अब बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलेआम बगावत पर उतर आई हैं. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
ममता बनर्जी ने फैसला मानने से किया इनकार!
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलेआम बगावत पर उतर आई हैं. सीएम ने तो यहां कह दिया की वो कोर्ट के फैसले को नहीं मानेगी. उन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा की ओबीसी दर्जा और ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द नहीं किया जायेगा. बता दें की ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनते ही ओबीसी की सूची में 77 जातियों को शामिल किया गया था. ऐसे में हाईकोर्ट ने बुधवार को 2012 में राज्य की ममता सरकार द्वारा जिन 77 जातियों को पिछड़ा वर्ग का हिस्सा बनाकर कानून बनाया उसे अवैध करार दिया है.
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बता दें की 2011 में ममता सरकार के ओबीसी आरक्षण के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई थी उसी पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 मई को फैसला सुनाया.
मोदी-शाह ने किया पलटवार!
ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को मानाने से मना कर दिया. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार ने ऐलान किया की वो हाईकोर्ट का फैसला नहीं मानेगी और मुस्लिम को आरक्षण देकर रहेंगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, TMC और INDI समेत ये विपक्षी दल अपने वोटबैंक के साथ खड़े हैं. जबकि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इस पूरे मामले पर कहा की ममता बनर्जी ने बिना किसी सर्वे के 118 मुस्लिमों को ओबीसी रिजर्वेशन दिया. वो पिछड़े वर्गों का आरक्षण छीनकर मुस्लिमों को देना चाहती हैं. मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं जबकि ममता बनर्जी के रुख की निंदा करता हूँ.