पीएम मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान के बीच जाने स्त्रीधन आखिर क्या होता है? यह शादीशुदा महिलाओं और गैर शादीशुदा महिलाओं के लिए क्या नियम तय करता है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस पार्टी और उसके मेनिफेस्टो पर आरोप लगाते हुए कहा की वह देश की सत्ता में आने के बाद महिलाओं का मंगलसूत्र तक नहीं छोड़ेंगे। इस बीच उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस देश की माता और बहनों के सभी गोल्ड का हिसाब भी लेंगे. पीएम के इस बयान के बाद सियासी पारा हाई हो गया है. कांग्रेस हमलावर होकर पीएम को झूठा करार दे रही है.
ऐसे में क्या आप जानते हैं कि मंगलसूत्र और महिलाओं के गोल्ड यह सभी स्त्रीधन में आते हैं जिसका अधिकार खुद भारत का कानून देता है?
आईए जानते हैं कि स्त्रीधन आखिर क्या होता है और यह शादीशुदा महिलाओं और गैर शादीशुदा महिलाओं के लिए क्या नियम तय करता है?
क्या होता है स्त्रीधन?
स्त्रीधन वह धन है जो महिलाओं को उसका अधिकार देता है. अगर कोई शादीशुदा महिला जिन्हें उनकी शादी के दौरान तोहफे में सोना चांदी धन दौलत या फिर उन वस्तुएं दी गई हो यह सब स्त्री धन में ही आता है. वहीं अगर कोई गैर-शादीशुदा लड़की है तो उसका भी स्त्रीधन माना जाएगा. जो कुछ भी बचपन से लेकर अब तक उसके पास जो वस्तुएं दी गई है वो भी स्त्रीधन है.
भारत के कानून के मुताबिक हिंदू महिला का स्त्रीधन का हक हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1954 की धारा 14 और हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 27 के तहत अधिकार दिया गया है.
स्त्रीधन का अधिकार
महिलाओं को अपने सभी चीजों पर जैसे सोना, कैश, सेविंग से लेकर गिफ्ट और प्रॉपर्टीज पर पूरा अधिकार है. अगर किसी महिला से यह अधिकार छिन जाता है तो यह गैरकानूनी माना जाता है.
अगर कोई महिला शादीशुदा है और उसका स्त्रीधन ससुराल वाले रखते हैं तो उन्हें महिला के मुताबिक ही उसे वापस करना चाहिए. अगर वह देने में आनाकानी करते हैं तो उन्हें भारत के कानून के मुताबिक सजा मिल सकती है.
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