अमृतपाल सिंह को कैसे मिला चुनाव चिन्ह? किस कानून के तहत जेल से लड़ेगा चुनाव?

ज़रूर पढ़ें

खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब लोक सभा सीट से चुनाव लड़ रहा है. लेकिन सवाल है की वो चुनाव किस कानून के तहत लड़ रहा है?

पंजाब: खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब लोक सभा सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पर्चा दाखिल किया है. फिलहाल वो जेल में बंद है. अमृतपाल सिंह कुल 328 उम्मीदवारों में से 169 इंडिपेंडेंट उम्मीदवारों में शामिल है. चुनाव आयोग ने उसे चुनावी चिन्ह ‘माइक’ मिल गया है. ऐसे अब सवाल उठता है की आखिर किस कानून के तहत वो चुनावी मैदान में है और उसे चुनाव चिन्ह कैसे मिला? अमृतपाल सिंह वही है जिसे देश के लिए, राष्ट्र के लिए खतरा बताया गया है.  

- Advertisement -

क्या कहता है कानून?

23 अप्रैल को अमृतपाल सिंह को मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया था जो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. उसपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई थी. जबकि भारत के कानून के मुताबिक यदि अदालत किसी व्यक्ति को दोषी ठहराता है और कम से कम दो साल की जेल की सजा होती है, तब आरोपी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाएगा. यहीं नहीं दोषी को कुल मिलाकर 8 साल तक चुनाव में खड़े होने की अनुमति नहीं होती है. इसका जिक्र लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 8 (3) में है.

बिल में हुआ बदलाव!

जुलाई 2012 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार कोई आरोपी, जो जेल में है या पुलिस हिरासत में है, चुनाव नहीं लड़ सकता है. हालाँकि साल 2013 में संसद में इससे जुड़ा एक बिल पेश हुआ जिसके तहत कुछ शर्तों को ऐड करते हुए कैदियों को नामांकन का अधिकार मिल गया.

पीआरएस की रिपोर्ट के अनुसार 2013 के बिल में मेंशन किया गया की कैदी मतदान नहीं कर सकता लेकिन अगर मतदाता सूचि में उसका नाम है तो वो देश का एक वोटर है. जिसके तहत वो चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर सकता है. 

- Advertisement -
HCN NEWS YOUTUBE

चुनाव चिन्ह कैसे मिलता है?

चुनाव आयोग चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के तहत क्षेत्रीय और राजनीतिक पार्टियों को चुनावी सिंबल आवंटित करने की पावर देता है। उनके पास रिजर्व में कम से कम ऐसे 100 चुनावी चिन्ह हमेशा होता है, जो किसी को नहीं दिए जाते। जबकि अगर कोई चुनाव लड़ने के लिए अपनी इच्छा अनुसार चुनावी चिन्ह सजेस्ट करता है और वो किसी से मैच नहीं करता तो उसपर इलेक्शन कमीशन मुहर लगा देता है.

बता दें की पंजाब में 13 सीटों पर एक जून को मतदान होगा जबकि देश के लोकसभा चुनाव के परिणाम चार जून को आएगा.

- Advertisement -

Latest News

अन्य आर्टिकल पढ़ें...