कन्हैया कुमार ने क्या सच में लगाए थे देश विरोधी नारे? जाने सच्चाई

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उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कांग्रेस ने मनोज तिवारी के खिलाफ कन्हैया कुमार को टिकट दिया है. ऐसे में जाने कन्हैया कुमार पर लगे देशविरोधी नारे के आरोप की पूरी हकीकत 

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार आमने सामने हैं. दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार कांग्रेस की सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. विवादों में रहने वाले कन्हैया कुमार का सबसे बड़ा कंट्रोवर्सी जेएनयू के अंदर राष्ट्र विरोधी नारे से जुड़ा है.

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कांग्रेस के उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार पर आरोप लगा था कि 9 फरवरी 2016 को JNU कैंपस के अंदर कश्मीरी अलगाववादी मोहम्मद अफजल गुरु के फांसी के खिलाफ राष्ट्र विरोधी नारों में वह शामिल थे. ऐसे में जानिए की कन्हैया कुमार पर लगे आरोपों की सच्चाई क्या है?

2016 में जेएनयू में लगे थे विरोधी नारे

दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कन्हैया कुमार साल 2015 में छात्रसंघ के अध्यक्ष पद पर थे. ठीक 1 साल बाद 9 फरवरी 2016 को इसी कैंपस में कश्मीरी अलगाववादी मोहम्मद अफजल गुरु के फांसी के खिलाफ छात्रों ने विरोध किया था. इस छात्र रैली मैं आरोप लगा के देश विरोधी नारे लगाए गए हैं. इस दौरान कन्हैया कुमार समेत रैली में शामिल अन्य छात्रों पर मुकदमा दर्ज हो गया. इस मामले में कन्हैया कुमार पर देश विरोधी नारे लगाने और इसकी अगुवाई करने का आरोप लगा. 

कन्हैया कुमार पर फैसला 

मीडिया रिपोर्ट्स में छपी खबरों के मुताबिक इस केस में कोर्ट में लंबी सुनवाई चली और बाद में सबूत के अभाव में कन्हैया कुमार को छोड़ दिया गया. गौरतलब है कि 2 मार्च 2016 को वह अंतिम जमानत पर रिहा हुए थे.

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