पंजाब की दो सीटों पर कॉन्ट्रोवर्शियल चेहरों का जलवा, एक ने जेल में बैठे जीता चुनाव!

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पंजाब में लोकसभा की खडूर साहिब सीट से खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और फरीदकोट सीट पर दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का आरोपी बेअंत सिंह का बेटा सरबजीत सिंह खालसा के चुनावी प्रदर्शन ने बको चौंका दिया है 

पंजाब : पंजाब में लोकसभा की दो सीटों ऐसी रही जिसके परिणाम ने हर किसी को चौंकाया है.  दो कैंडिडेट जिनका विरोध आप अक्सर सुनते होंगे लेकिन लोकसभा चुनाव में वो दो चहेरे ने न बल्कि चुनावी टिकट पर लड़ाई लड़ी बल्कि बड़े मार्जिन से जीत हासिल कर ली है. पहला है पंजाब की खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार कुख्यात खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह तो दूसरा है फरीदकोट सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा जो दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का आरोपी बेअंत सिंह का बेटा है. 

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अमृतपाल सिंह की पक्की जीत!

फरीदकोट और खडूर साहिब दोनों ने सीटों पर कॉन्ट्रोवर्शियल चेहरे अमृतपाल सिंह और सरबजीत सिंह खालसा ने जबरदस्त बढ़ोतरी बनाई है. खडूर साहिब से बड़े बड़े धुरन्धरों को पछाड़ कर अमृतपाल सिंह 80 हजार से अधिक वोटों से आगे चल रहा है. अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) यानि राष्ट्र के लिए खतरा बताया गया है. वो NSA के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. दिलचस्प बात ये है की अमृतपाल सिंह ने जेल में बैठे ही इस चुनाव को जीत लिया है.

हैरानी की बात ये है की बिना उम्मीदवार के अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह और उनकी पत्नी बलविंदर कौर ने चुनाव की कमान संभाली और बेड़ा पार कर दिया है.

सरबजीत सिंह ने सबको पछाड़ा! 

दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को मारने वाले बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा  पंजाब के फरीदकोट सीट पर जबरदस्त मुकाबले में है. इसी सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के करमजीत अनमोल और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हंसराज हंस भी चुनावी जंग में हैं लेकिन, लगता है वहां के वोटर्स को सरबजीत सिंह पर खासा भरोसा है. फरीदकोट सीट की बात करें तो यहां सरबजीत सिंह अभी 58, 000 से अधिक वोटों से आगे है. 

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