भारत में आपने कई बार सुना होगा कि किसी को Z+ सिक्योरिटी मिली किसी को y+ तो किन्हीं को Y या X. सवाल उठता है है की आखिर ये हैं क्या और किस आधार पर सिक्योरिटी दी जाती है, साथ हीं कौन सुरक्षा देता है? ऐसे हीं कई और सवाल है
भारत में आपने कई बार सुना होगा कि किसी को Z+ सिक्योरिटी मिली किसी को y+ तो किन्हीं को Y या X. सवाल उठता है है की आखिर ये हैं क्या और किस आधार पर सिक्योरिटी दी जाती है, साथ हीं कौन सुरक्षा देता है? ऐसे हीं कई और सवाल है.
दरअसल, हमारे देश में तमाम vip या vvip को किसी न किसी तरीके से खतरा होता है. अभी हाल के उदहारण के रूप में पंजाब के मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला हैं, जिनकी महज एक दिन पहले भगवंत मान की सरकार ने 424 लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी और अगले हीं दिन सिद्धू मूसेवाला की सरेआम बदमाशों ने हत्या कर दी, हालाँकि इस खौफनाक वारदात के बाद सुरक्षा एक बार फिर से बहाल करने का फैसला लिया गया.
ऐसे में आप समझिये कि सिक्योरिटी कितनी जरुरी है. महाराष्ट्र में भी सियासी उठा पटक के बिच केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार के खिलाफ विद्रोह करने वाले शिवसेना के 15 बागी विधायकों को ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है, चुकी बागी विधायकों की तरफ से उद्धव सरकार की तरफ से खतरे का आरोप लगा था.
यहां आपको ये जानना अहम् हो जाता है कि पल पल केंद्र मंत्रियों, नेताओं, अभिनेताओं समेत अन्य किसी भी vvip पर जान का एक बड़ा खतरा रहता है. कई ऐसे मामलें हैं देश में जहाँ सिक्योरिटी लैक होने की वजह से घटनाओं को अंजाम दिया गया है.
(1) X कैटेगरी सिक्योरिटी
X सिक्योरिटी एक बेसिक प्रोटेक्शन है जिसे छोटे नेताओं या अभिनेताओं को भी दी जा सकती है. यहां बता दें कि X सिक्योरिटी में केवल दो सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, x श्रेणी में कभी कंमाडो शामिल नहीं होते. इसमें पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर भी शामिल हो सकता है. ताजा आकड़ों के मुताबिक भारत में 65 से ज्यादा लोगों को इस कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है.
(2) Y कैटेगरी सिक्योरिटी
Y कैटेगरी सिक्योरिटी वीआईपी लोगों को दी जाती है. इनकी सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, जिसमें जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) भी होते हैं. और इस श्रेणी के लोगों को कोई कमांडो की सुरक्षा नहीं दी जाती है.
(3) Y+ कैटेगरी सुरक्षा
वाई प्लस श्रेणी में 11 सुरक्षाकर्मी तैनात किये जाते हैं. इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते है. इस सुरक्षा के तहत व्यक्ति को 24 घंटे दिल्ली पुलिस के एक सिपाही बतौर निजी सुरक्षा अधिकारी के तौर पर मिलता है.
(4) Z कैटेगरी सिक्योरिटी
Z कैटेगरी सिक्योरिटी ऊँचे स्तर पर आ जाता है. इसमें ख़ास तौर पर सुरक्षा और कड़े कर दिए जाते हैं. यहां Z सेफ्टी को बढ़ाने के लिए दी जाती है. इस श्रेणी में 22 सुरक्षाकर्मी द्वारा सुरक्षा पर कड़ी निगरानी राखी जाती है. इसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के 4 या 5 कमांडर भी शामिल किए जाते हैं. वहीँ यह सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ मुहैया कराती है.
इस कैटेगरी की सुरक्षा में एक स्पेशल कर दी जाती है जिसे एस्कॉर्ट कार कहते हैं. इसमें तैनात कमांडोज के पास सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों (modern means of communication) रहते हैं. ख़ास बात ये है कि इस कैटेगरी में तैनात किए गए कमांडोज मार्शल ऑर्ट सीखे हुए होते हैं जो बिना हथियार के भी लड़ने का हुनर रखते हैं.
(5) Z+ सिक्योरिटी
Z + सिक्योरिटी सबसे हाइयर श्रेणी माना जाता है, जिसमे एक परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इसमें केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के न्यायाधीश, मशहूर राजनेता व बड़े ब्यूरोक्रेट्स को मुहैया कराई जाती है. जिसमें 36 सुरक्षाकर्मी सेवा में तैनात किए जाते हैं. यहां एनएसजी के 10 कमांडोज भी शामिल हैं. इन कमांडोज को अत्याधुनिक खतरनाक हथियारों के साथ तैनात किया जाता है.
इसमें VVIP कि तीन घेरे में सुरक्षा की जाती है. पहले घेरे में एनएसजी सुरक्षा में लगाए जाते हैं, इसके बाद एसपीजी के अधिकारी तैनात किए जाते हैं और इसके साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में लगाए जाते हैं.
बता दें कि देश में Z+ सुरक्षा पाने वाले वीआईपी व्यक्तियों में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और कुछ अन्य नाम शामिल हैं.
केंद्र सरकार की भूमिका?
- केंद्रीय स्तर पर सुरक्षा केंद्र सरकार संभालती है. जहाँ प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जैसे सरकारी पदों पर तैनात बड़े अफसरों को केंद्र कैटेगरीज के अनुसार श्रेणियों के सुरक्षा देती है.
- केंद्र सरकार उन व्यक्तियों को भी सुरक्षा प्रदान करवाती है, जिसे लेकर आशंका रहती है कि उस व्यक्ति को किसी तरीके से जान को खतरा होता है. बता दें कि कई यधोगपति समेत कई ऊंच स्तर के लोगों को अक्सर धमकियाँ मिलती है और खतरा बढ़ा रहता है ऐसे में केंद्र सरकार उन्हें सुरक्षा दे सकती है.